माँ के मुंह में लंड
साडी भी खोल दी और नंगी हो गयी मेरे सामने.. मैंने अपनी माँ को पहली बार नंगा देखा था.. क्या गोरा चाँद जैसा रंग… माँ में अपने बाल भी खोल दिए.. और नंगी ही निचे झुककर मेरे दोनों पैर पकड़कर मेरा लंड चूसने लगी…
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अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था…
हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी…
उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।”…
वह मेरे सामने एक खुली तिजोरी की तरह थी एकदम नंगी फिर उसने कहा सुनील अब मत रुको अब तो मुझे दे ही दो, फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए उसने जैसे ही मेरा लंड देखा उसने कहा यह बहुत बड़ा है…
डायरेक्टर सर का जब भी मन करता था मैडम को चोदने का तो वो अपने बंगले में मैडम को बुला कर खूब चोदते थे | स्कूल में हम लोगो का लास्ट साल था मेरा मन तो नहीं कर रहा था इस स्कूल से जाने का क्योकि मुझे मैडम को चोदना था..
मेरा लंड अब पूरी तरह से स्टॅंडिंग पोजीशन मे था ये देख कर मेम बोली अब चाटने का काम बंद करके चोदने की क्रिया का शुभारंभ किया जाये और वो हंस दी में उनके उपर से हट गया…
उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई…
अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी. मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है..
इस हरकत से नरेश का लंड पहले धक्का के साथ अंदर चला गया, और फिर 4-5 स्ट्रोक के बाद वह आसानी से उसे चोद रहा था… मैंने सामने जाकर कीर्ति के मुँह में अपना लंड डाला और उसका मुँह चोदने लगा।..