बीवी के बाद साली चुद्वाकर माँ बनी

मेरी प्यारी बीवी मेरे बेटे की डेलिवरी के वक्त इस दुनिया मे मुझे अकेला छ्चोड़ कर चली गयी. मनीषा के गुजर जाने से मैं बिल्कुल अकेला हो गया था. और वैसे भी मैं शालिनी को बहुत प्यार करता था और उसकी कुँवारी चूत की सील तोड़ने के बाद एक भी दिन ऐसा नही गया जब हमने रात मे कम से कम 3 बार चुदाई ना की हो. sali

भरी जवानी मे औरत के बिना जीवन गुजारना और ऊपर से एक बच्चे की परवरिश की ज़िम्मेदारी सचमुच बड़ा ही मुश्किल था. लेकिन छ्होटी साली साधना ने नवजात बच्चे को अपने छाती से लगा कर घर को काफ़ी कुच्छ संभाल लिया. दीदी के गुजरने के बाद साधना अपनी मा के कहने पर कुच्छ दीनो के लिए मेरे पास रहने के लिए आ गयी थी.

साधना तो वैसे ही खूबसूरत थी, बदन मे जवानी के लक्षण उभरने से और भी सुंदर लगने लगी थी. औरत के बिना मेरा जीवन बिल्कुल सूना सूना सा हो चुका था. लेकिन सेक्स की आग मेरे शरीर और मन मे दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी.

राते गुजारना मुश्किल हो गया था. sali ki chudai

कभी कभी अपनी साली साधना के कमसिन गोलाईयो को देख कर मेरा मन लालचाने लगता था.

जैसा नाम वैसा ही उसका कमसिन जिस्म. साधना जो काम की अग्नि को बड़ा दे. मगर वा मेरी सग़ी साली थी यही सोच कर अपने मन पर काबू कर लेता था. फिर भी कभी कभी मन बेकाबू हो जाता और जी चाहता कि. साधना को नंगी करके अपनी बाहो मे भर लू.उसके छ्होटी छ्होटी कसी हुए चूचीयो को मूह मे भर कर देर तक चूसता रहू और फिर उसे बिस्तर पर लेटा कर उसकी नन्ही सी चूत मे अपना मोटा लॅंड घुसा कर खूब चोदू…

एक दिन मैं अपने ऑफीस के एक दोस्त के साथ एक इंग्लीश फिल्म देखने गया. फिल्म बहूत ज़्यादा सेक्सी थी. नग्न और संभोग के द्रश्यो की भरमार थी. फिल्म देखते हुए मे कई बार उत्तेजित हो गया था सेक्स का बुखार मेरे सर पर चढ़ कर बोलने लगा था. घर लौटते समय मे फिल्म के चुदाई वाले सीन्स को बार बार सोच रहा था और जब भी उन्हे सोचता, साधना का चेहरा मेरे सामने आ जाता मैं बेकाबू होने लगा था.

मैने मन बना लिया कि आज चाहे जो भी हो, अपनी साली को चोदूगा ज़रूर. घर पहुचने पर साधना ने दरवाजा खोला. मेरी नज़र सबसे पहले उसके भोले भाले मासूम चेहरे पर गयी फिर टी-शर्ट के नीचे धकी हुई उसकी नन्ही चूचियो पर और फिर उसके टाँगो के बीच चड्धी मे छुपी हुए छ्होटी सी मक्खन जैसी मुलायम बुर पे. मुझे अपनी ओर अजीब नज़ारो से देखते हुए पकड़ . साधना ने पूच्छा,क्या बात हे जीजू, ऐसे क्यो देख रहे है?”

मैने कहा, “कुच्छ नही . साधना..बस ऐसे ही…… तबीयत कुच्छ खराब हो गई.” sali ki chudai

साधना बोली. “आपने कोई दवा ली या नही?अभी नही” मैने जबाब दिया और फिर अपने कमरे मे जा कर लूँगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया.

थोड़ी देर बाद . साधना आई और बोली, “कुच्छ चाहिए जीजुजी मंन मे आया कि कह दू “साली मुझे चोदने के लिए तुम्हारी चूत चाहिए.” पर मैं ऐसा कह नही सकता था.मैने कहा “. साधना मेरे टाँगो मे बहुत दर्द है. थोड़ा तेल ला कर मालिश कर दो.”

“ठीक है जीजू,” कह कर . साधना चली गयी और फिर थोड़ी देर मे एक कटोरी मे तेल लेकर वापस आ गयी.

वो बिस्तर पर बैठ गयी और मेरे दाहिने टाँग से लूँगी घुटने तक उठा कर मालिश करने लगी

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अपनी 18 साल की साली के नाज़ुक हाथो का स्पर्श पाकर मेरा लॅंड तुरंत ही कठोर होकर खड़ा हो गया.थोड़ी देर बाद मैने कहा, “. साधना ज़्यादा दर्द तो जाँघो मे है. थोड़ा घुटने के उपर भी तेल मालिश कर दे.” “जी जीजू” कह कर . साधना ने लूँगी को जाँघो पर से हटाना चाहा. तभी जानबूझ कर मैने अपना बाया पैर उपर उठाया जिससे मेरा फुनफूनाया हुआ खड़ा लॅंड लूँगी के बाहर हो गया.

मेरे लॅंड पर नज़र पड़ते ही साधना सकपका गयी.

कुच्छ देर तक वह मेरे लॅंड को कनखियो से देखती रही. फिर उसे लूँगी से ढकने की कोशिश करने लगी. लेकिन लूँगी मेरे टाँगो से दबी हुई थी इसलिए वो उसे ढक नही पाई.

मैने मौका देख कर पूछा, “क्या हुआ साधना?

जी जीजू. आपका अंग दिख रहा है.” sali ki chudai

साधना ने सकुचाते हुए कहा.अंग, कौन सा अंग?” मैने अंजान बन कर पूच्छा.जब साधना ने कोई जवाब नही दिया तो मैने अंदाज से अपने लॅंड पर हाथ रखते हुए कहा, “अरे! ये कैसे बाहर निकल गया?” फिर मैने कहा, “साली जब तुमने देख ही लिया तो क्या शरमाना, थोड़ा तेल लगा कर इसकी भी मालिश कर दो.”

मेरी बात सुन कर साधना घबरा गयी और शरमाते हुए बोली, “छी जीजू, कैसी बात करते है, जल्दी से ढाकिये इसे.”

“देखो साधना ये भी तो शरीर का एक अंग ही है,तो फिर इसकी भी कुच्छ सेवा होनी चाहिए ना. तुम्हारी जीजी जब थी तो इसकी खूब सेवा करती थी, रोज इसकी मालिश करती थी. उसके चले जाने के बाद बेचारा बिल्कुल अनाथ हो गया है. तुम इसके दर्द को नही समझोगी तो कौन समझेगा?”, मैने इतनी बात बड़े ही मासूमियत से कह डाली.

लेकिन जीजू, मैं तो आपकी साली हू. मुझसे ऐसा काम करवाना तो पाप होगा.. sali ki chudai

ठीक है साधना, अगर तुम अपने जीजू का दर्द नही समझ सकती और पाप- पुन्य की बात करती हो तो जाने दो” मैने उदासी भरे स्वर मे कहा.

मैं आपको दुखी नही देख सकती जीजू. आप जो कहेंगे, मैं कारूगी.” मुझे उदास होते देख कर साधना भावुक हो गयी थी..

उसने अपने हाथो मे तेल चिपॉड कर मेरे खड़े लॅंड को पकड़ लिया. sali ki chudai